मोबाइल फ़ोन : वरदान या अभिशाप
वर्तमान युग विज्ञान का युग है। बिज्ञान की नवीनतम देन है- मोबाइल फोना | मोबाइल फोन का भारत में इतना अधिक विस्तार हुआ है कि इस पर सहज विस्वास नहीं होता। शहर तो शहर, भारत के गाँवों में भी मोबाइल फोन लोगों की जरूरत बन गया है। भारत में करोडों की संख्या में मोबाइल फोन कार्यरत हैँ। अब तो अशिक्षित व्यक्ति तक इस फोन का कुशलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैँ। ग्रामीण स्तियॉ, मजदूर, किसान समी इसका प्रयोग कर रहे हैं।
मोबाइल फोन परस्पर संपर्क का सवाँत्नम साधन है। आप कहीं मी हों, इसक माध्यम से किसी से, कमी भी संपर्क साधा जा सकता है। अब घर में टेलीफोन से चिपक कर बैठने की आवश्यकता नहीं रह गई है। बस जेब में मोबाइल फोन डालिए और चल पहिए अपनी यात्रा परा आप मार्ग में, बस में. रेलगाडी में, स्कूल में, दफ्तर में कहीं भी हों, दूसरे व्यक्ति के साथ संपर्क साध सकते हैं। मोबाइल फोन आपका विश्वस्त साथी है।
'मोबाइल फोन' का अर्थ है-'घूमता-फिरता दूरभाष'। यह फोन हमेशा चलने-फिरने की प्रक्रिया में रहता है। इसे एक जगह टिका कर रखने की आवश्यकता नहीं है। इसे कहों भी साथ ले जाया जा सकता है।
"मोबाइल फोन' के लाभ बहुत अधिक हैं। इसके दूवारा हम अपने साथियों, सहकर्मियों, परिवारजनों के साथ निरंतर संपर्क में रहते हैं। हमें पल-पल की जानकारी मिलती रहती है। मोबाइल फोन का लाभ शिक्षित और अशिक्षित दोनों वर्ग उठा रहे हैं। शिक्षित वर्ग अपने कार्यालय में वैठे-बैठं अपने अनेक काम निबटा लेता है। कारीगर वर्ग भी घर बैठे कम्म पा लेता है। पहले हमें उम्हें लूँढ़ने जाना पड़ता है, अब उनसे मोबाइल फोन पर संपर्क किया जा सकता है। कुशल और अर्धकुशल श्रमिकों को घर बैठे काम का बुलावा आ जाता है। उन्हें भरपूर काम मिल रहा है। अब तो घरों में काम करने चाली नौकरानियों भी मोबाइल फोन रखती हैं। इससे उम्हें काफी सहूलियत होती है।
अब मोबाइल फोन केवल बातचीत करने का माध्यम नहीं रह गया है। मोबाइल फोन पर अनेक फीचर उपलब्ध हैं 'जैसै-इससे इंटरनेट का प्रयोग किया जा सकता है, फोटो खींचा जा सकता है, वीडियो रिकार्डिग की जा सकती है, संगीत सुना जा सकता है, गणना की जा सकती है, सोने आदि को तौला जा सकता है आदि।
मोबाइल फोन की कुछ हानियाँ भी हैं। इसर्क अत्यधिक प्रयोग सै बहरेपन कौ समस्या उत्पन हो सकती है। यह हदय रोग कर सकता है। इसक ज्यादा प्रयोग से समय की बर्बादी होती है। ओंफिसों में इसका अधिक प्रयोग आँफिस के कार्य पर बुरा प्रभाव डालता है। यही कारण है कि कईं आंफिसों और स्कूलों मैं इसका प्रयोग प्रतिबंधित है। इससे खर्च मी बढ़ता है।
निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि मोबाइल फोन के प्रयोग से तो हम बच नहीं सकते, पर इसका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए। हर समय इसे कान पर लगाए रहना हानिकारक है तथा हमें असावधान बनाता है। आवश्यकतानुसार हौ इसका प्रयोग वछिनीय है, दिखावे के लिए नहीं। वैसे मोबाइल फोन के बिना सब सूना-सूना प्रतीत होता है।
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many spelling errors BUT very good and helpfull
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